डिजिटल करेंसी क्या है? इसके फायदे और यह कैसे काम करता है?

जय हिंद दोस्तों पिछले 5 सालों में देश ने डिजिटल पेमेंट में जितनी ज्यादा तरक्की की है उतनी तरक्की दुनिया में किसी भी देश ने नहीं की है डिजिटल पेमेंट करने के मामले में अमेरिका चीन और यूरोपीय देश भारत के आसपास भी नहीं है डिजिटल पेमेंट में देश की अपार सफलता को देखते हुए अब सरकार एक और नई टेक्नोलॉजी लाने वाली है।
यह टेक्नोलॉजी ऐसी है जिसे अब देश में नगदी नोटों का झंझट ही खत्म हो जाएगा। अब तो आप का नोट गंदा होगा ना फटेगा ना चोरी होगा और ना ही देश में कोई ट्रांजैक्शन हो पाएगा अब देश में काला धन नहीं बल्कि सफेद धन ही रहेगा टेक्नोलॉजी है डिजिटल रुपैया।
यानी कि रुपए दोस्तों आप ही रुपए का मतलब डिजिटल ट्रांजैक्शन बिल्कुल भी मत समझ लेना क्योंकि अभी हम जो डिजिटल ट्रांजेक्शन अपने फोन से कर रहे हैं वह हमें फिजिकल ट्रांजैक्शन के लिए ही कर रहे हैं लेकिन आरोपी एक अलग करेंसी आने वाली है दो तो आपको बताएंगे कि डिजिटल रुपैया क्या होता है और यह भारत में कब लांच होने वाला है।
पूरे देश की इकोनॉमी को बदल कर के रख देगा कैसा होगा आखिर हमारा डिजिटल रुपैया और कैसे यह हमारे पास पहुंचेगा इन सभी सवालों के जवाब आपको इस वीडियो में मिलने वाले हैं मान लीजिए दोस्तों आपके पास है ₹100 का नोट है और किसी चीज को खरीदने के लिए आप उसे ₹100 के नोट को सुबह के वक्त खर्च करते हैं।
और वह सो रुपए पूरे शहर में सारे दिन किसी दुकानदार के हाथों किसी कस्टमर के हाथों घूमता रहता है। तो सोच कर के देखी की शाम तक उसे सो रुपए की कंडीशन कैसी होगी क्योंकि पूरे दिन भर में उस नोट नहीं कितनी लंबी यात्रा की होगी और जिस कंडीशन में यह सुबह शाम तक नहीं रहता है इसे हाथ में मरोड़ा होगा किसी ने इसे किसी ने वॉलेट में भी डाला होगा तो उसकी हालत पहले वाली नहीं रहेगी।
कई बार तो यह काफी ज्यादा डैमेज भी हो जाता है और फिर उसे दोबारा से छापने की जरूरत होती है उसको मैनेज करने की जिम्मेदारी RBI की होती है। खर्च करने पड़ते हैं लेकिन अब आने वाले वक्त में इस परेशानी से हमेशा हमेशा के लिए झंझट छूट जाएगा आरबीआई जल्द ही डिजिटल रुपैया लॉन्च करने वाला है तो दो तो सबसे पहला सवाल कि
डिजिटल करेंसी क्या है?
डिजिटल रुपैया को अगर आसान भाषा में कहूं तो आप जो डिजिटल पेमेंट करते हो चाहे पेटीएम से करती हो फोन पर करती हो गूगल पर करते हो लेकिन जो रुपैया आपका बैंक में है वह फिजिकल कहती है देश की अर्थव्यवस्था को चलाने के लिए आरबीआई बाजार में पैसा जारी करता है जो पैसा जारी होता है वह प्रिंट होने के बाद जारी होता है अब उसमें बदलाव आने वाला है यानी कि अब वह प्रिंट नहीं होगा।
अब आरबीआई प्रिंट करके जारी करने की जगह डिजिटल रुपैया जारी करेगा दोस्तों आज आरबीआईजो रुपया छापता है उसको देश के गांव गांव के बैंक तक पहुंचाता है इसके साथ ही बहुत बड़ी सिक्योरिटी भी उसे देनी पड़ती है इससे पूरे लॉजिस्टिक पर करीब 5000 करोड रुपए का खर्चा आता है।
डिजिटल करेंसी के क्या फायदे हैं?
वह सारे खर्चे कम हो जाएंगे और एक डिजिटल रुपैया जाएगा इससे फायदा रहेगा कि जो करेंसी प्रिंटिंग है वह धीरे-धीरे कम होती जाएगी। RBI 10 के 20 के 50 के या 100 के और जो बाकी बड़ी करेंसी जैसे 500 और 2000 के नोट छापने की कोई जरूरत नहीं रहेगी यानी कि आरबीआई पहले जो प्रिंट करके पैसे जारी करता था वह पैसा अब डिजिटल प्रकार से लांच करेगा।
अब आपके मन में एक सवाल और आएगा कि जैसे अब वाले जो नोट होते हैं उनको तो हम अपनी जेब में रख लेते हैं अपने वॉलेट में रख लेते हैं यहां तक कि घर में भी दबा के रखते हैं।
- लेकिन डिजिटल करेंसी को कहां पर रखेंगे।
- क्या उसके लिए अलग से अकाउंट खुलवाने की जरूरत होगी।
दोस्तों यह आपके घर पर नहीं रखा जाएगा मान लीजिए आज आपके खाते में ₹100000 जमा है तो वह 100000 का 100000 ही रहेगा और जैसे आप उसे पहले ऑपरेट कर रहे थे काम में ले रहे थे आप बिल्कुल वैसे ही काम में भी लेते रहेंगे लेकिन अब RBI यह बदलाव कर रही है कि अब वह डायरेक्ट आपके फोन में ही आ जाए।
यानी पहले जो पैसा RBI छापती थी फिर बैंक को तक पहुंचाती थी और सिर्फ बैंक आपको देते थे अब वह पैसा आरबीआई डायरेक्ट ही आपके फोन में भेज देगी यानी एक तरह से आपका मोबाइल नंबर ही आपका बैंक अकाउंट बन सकता है और फिर आप अपना ट्रांजैक्शन जैसे पहले करते थे वैसे ही कर सकते हैं तो यहां पर एक सवाल और आता है कि
- RBI जो डिजिटल रुपैया हमारे फोन में डायरेक्ट भेज देगी
- वह हमें कौन से वॉलेट में रखना होगा
- क्या इसके लिए अलग से कोई ऐप डाउनलोड करना होगा
तो दोस्तों आज भी तो आप यही कर रहे हो आज भी हम कई App जैसे PhonePe, GooglePe, Paytm आदि हम अलग-अलग ऐप डाउनलोड करके रखे हुए हैं इनके भी बोयलेट होते हैं बिल्कुल वैसे ही अब आरबीआई का एक नया वॉलेट मिल जाएगा दोस्तों आज पूरे देश में डिजिटल पेमेंट सिस्टम लगातार बढ़ता ही जा रहा है।
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आज हम रुपए का लेनदेन पूरे देश में महज 10% करते हैं बड़ी राशि को अलग माध्यम से करते हैं छोटे लेन देन को को हम यूपीआई के द्वारा करते हैं यूपीआई ही एक ऐसे टेक्नोलॉजी है जो आज भारत में चाय वाले से लेकर सब्जी वाले तक यूज कर रहे हैं अब वह करीब 10 से 15 परसेंट है बाकी का केवल मात्र 10% ही को हम केस को हैंडल करते हैं और मार्केट में फिलहाल के वक्त 29 लाख करोड़ का केस मौजूद है।
तो यह जो अब नया वॉलेट सिस्टम आने वाला है बिल्कुल उसी पर आधारित होगा केवल उसकी प्रोसेस करने में बदलाव आएगा अब तक वह आपके खाते में फिजिकल रूप से रखा हुआ होता है और जब आपकी इच्छा होती है तब आप उसको निकलवाने चले जाते हैं लेकिन अब ऐसा नहीं होगा अब वह डिजिटल हो जाएगा यानी जो प्रिंट होकर आपके बैंक खाते में आपका पैसा रखा हुआ होता है वह प्रिंटेड नोट अब आपको नहीं मिलेगे।
अब आप केवल डिजिटल रूप से फोन से ही उसको काम में ले सकते हैं और बिल्कुल चुटकियों में आपका पेमेंट इधर से उधर कर सकते हैं दोस्तों मार्केट में अभी जो 29 लाख करोड रुपए की फिजिकल करेंसी देशभर में मौजूद है तो क्या जो नया ए रुपैया आएगा वह किसी फिजिकल करेंसी में जोड़ कर के लाया जाएगा।
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या फिर अलग से निकाला जाएगा तो दोस्तों अगर डिजिटल करेंसी अचानक से देश में ज्यादा जारी हो जाती है तो रुपए के विनय को कम ज्यादा कर देगी। अगर आरबीआई ने डिजिटल रुपैया को जो 29 लाख करोड़ नगदी है उससे ज्यादा रिलीज कर दिया तो मार्केट में ज्यादा करेंसी आ जाएगी और इससे क्या होगा कि डॉलर के मुकाबले हमारा रुपए नीचे गिरता जाएगा।
अब आरबीआई रुपैया जारी करेगा तो मार्केट में से थोड़ी बहुत नगद करेंसी वह वापस अपने पास ले लेगा और फिर उसकी जगह पर डिजिटल रुपए निकालेगा या नहीं मार्केट में जितना पैसा अभी मौजूद है डिजिटल करेंसी आने के बाद भी उतना ही पैसा मार्केट में मौजूद रहेगा।
डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी में क्या अंतर है?
ताकि स्टेबिलिटी बनी रहे दोस्तों कई लोगों का मानना है कि बिटकॉइन के जैसे काम करेगी तो दोस्तों आपको बता दूं कि उसका कांसेप्ट भले ही बिटकॉइन के जैसा हो लेकिन यह बिटकॉइन बिल्कुल भी नहीं है अभी मार्केट में जो बिटकॉइन है उसको कोई बेसिक्स नहीं है कब वह ऊपर चढ़ जाता है और कब नीचे गिर जाता है कोई पता नहीं चलता है लेकिन यहां पर आरबीआई ई रुपैया को मैनेज करेगी।
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RBI डिजिटल करेंसी को एक वैल्यू देगा यानी कि रुपए की जो एक्चुअल कीमत है डिजिटल करेंसी में भी उसकी वही कीमत रहेगी यानी कि यहां पर हमारे रुपए की सुरक्षा और ज्यादा मजबूत हो जाती है इसका बिल्लू क्रिप्टो करेंसी के जैसे ऊपर नीचे नहीं होगा दोस्तों उसका एक बड़ा फायदा यह भी रहेगा कि अब मार्केट में जाली नोटों का फ्रॉड नहीं चल पाएगा।
यह टेक्नोलॉजी इतनी मजबूत है कि यहां पर कोई जाली नोट चला ही नहीं सकता ऐसे में हमें अपनी डिजिटल करेंसी को लेकर किसी भी प्रकार की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है आज कहीं अगर देश में काला धन पकड़ा जाता है तो उसको गिनने में एजेंसियों को भी काफी मेहनत करनी पड़ती है।
लेकिन डिजिटल करेंसी में तो गिनने की जरूरत ही नहीं है यहां पर तो पूरा ट्रेक ऑनलाइन मौजूद रहेगा मार्केट में मौजूद रहेगी तो केवल छोटी करेंसी और छोटी करेंसी को काले धन रखने वाले रखेंगे भी तो कितना रखेंगे आज भी हमारे देश में कई ग्रामीण क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर लोग घरों में पैसे रखने से डरते हैं कहीं कहीं घर पर चोरी हो जाएगी तो पैसे भी चोरी हो जाएंगे लेकिन डिजिटल करेंसी में आपका पैसा नदी में नहीं रहेगा तो आपके पैसे चोरी होने की भी कोई टेंशन नहीं रहेगी।
इसके अलावा आज भी देश में काफी ज्यादा ब्लैक मनी ट्रांजैक्शन होता है लेकिन इस सिस्टम में सब कुछ वाइट ही भाइट ही भाइट रहेगा तो पहली बार सरकार ने 2017 में डिजिटल करेंसी को लेकर तैयारी शुरू की थी उसके बाद इस दिशा में काफी तेजी से आगे बढ़ते हुए 2022 के बजट में डिजिटल करेंसी जारी करने की बात कही गई थी और अब अक्टूबर 2022 में रिजर्व बैंक ने डिजिटल मुद्रा को लेकर अपना एक Note भी निकाल दिया है।
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